प्राकृतिक आपदा और खतरे-
प्राकृतिक आपदा और खतरे की जानकारी:-
प्राकृतिक जोखिम किसी ऐसी घटना के घटने की सम्भावना को कहते हैं जिससे मनुष्यों अथवा पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कई प्राकृतिक खतरे आपस में सम्बंधित हैं, जैसे की भूकंप सूनामी ला सकते हैं, सूखा (drought) सीधे तौर पर अकाल (famine) और बीमारियाँ पैदा करता है। खतरे और आपदा के बीच के विभाजा का एक ठोस उदहारण ये है की 1906 में सैन फ्रांसिस्को में आया भूकंप (1906 San Francisco earthquake) एक आपदा थी, जबकि कोई भी भूकंप एक तरह का खतरा है। फलस्वरूप भविष्य में घट सकने वाली घटना को खतरा कहते हैं और घट चुकी या घट रही घटना को आपदा कहते है।
महामारी:-
महामारी (epidemic) एक छूट की बीमारी के फैलने को कहते हैं जो की मानव व आबादी में बहुत तेजी से फिलती है। यदि महामारी विश्वभर में फ़ैल जाए तो उसे विश्वमारी (pandemic) कहते हैं। इतिहास भर में महामारियों के अनेकों वर्णन आते रहे हैं, जैसे की काली मौत (Black Death).पिछले सौ वर्षों की महत्त्वपूर्ण विश्व्मारियों में शामिल हैं:-
वर्तमान समय में महामारी जो विश्वमारी 2019-20 कोरोना वायरस Covid 19 है। जिससे आज तक लगभग 3.25 लाख व्यक्ति पूरे विश्व में मर चुके हैं और इस महामारी का वायरस अभी भी चालू है।
इस महामारी का भय आम जनता में इस कदर है कि भूखे-प्यासे और कोरोना वायरस के डर से गरीबों और मजदूरों को Lockdown के कारण हजारों कोष पैदल चलना पड़ रहा है और दु:खी इतने हैं कि जगह-जगह रास्तों में मृत्यु भी हो रहे हैं।
🔹✍समय रहते हम अगर इन चुनौतियों को काबू में नहीं कर पाते हैं तो पूरी मानव-जाति के साथ-साथ पर्यावरण का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। अतः हमें समय रहते कारगर नीति बनानी होगी।
प्रकृति में जल, जंगल और जमीन का अहम् योगदान है।मानव के अनेक प्रकार के अस्वस्थ क्रियाकलापों के कारण पर्यावरण के तत्वों एवं प्रकृति के सुसंचालन में बाधा उत्पन्न की जा रही है, परिणामस्वरूप जीवन-चक्र की गुणवत्ता में अंतर आता जा रहा है। प्राकृतिक आपदा का सीधा संबंध, पर्यावरण से है। आपदा जो प्रकृति के कारण हो वह प्राकृतिक आपदा है। प्राकृतिक आपदा आज विश्वव्यापी है। भूकंप, बाढ़, हिस्खलन, दावानल, तड़ित, चक्रवात, सुनामी लहर, सूखा, हेल्सटॉर्म, लू, हरिकेन, टायफून, आइस एज, टोरनेडो, लैला, संक्रामक रोग (स्वाइन फ्लू, प्लेग, हैजा आदि) पर्यावरण असंतुलन आदि प्राकृतिक आपदा से संबंधित हैं। समय-समय पर राष्ट्रीय,अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन जागरूकता का कार्य करते रहते है।
👉लेकिन इन सबसे कारगर समाधान परमात्मा के संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हुए हमारे पवित्र शास्त्रों के अनुसार "सतभक्ति" करने से हर क्षेत्र में सुधार होगा और भक्ति की शक्ति से हर प्राकृतिक आपदाओं से बचाव होगा प्रमाण सहित परमात्मा के संविधान की जानकारी के लिए पढ़ें-पवित्र पुस्तक 📚 "जीने की राह"
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