"Life struggle of Sant Rampal Ji Maharaj"

♻ "संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक ज्ञान की संघर्ष यात्रा" ♻ ⤵

🔹संत रामपाल जी महाराज जी की जीवनी ⤵
संत रामपाल जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करके हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजिनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। सन् 1988 में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा प्राप्त की तथा तन-मन से सक्रिय होकर स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग से साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया।

संत रामपाल जी को नाम दीक्षा 17 फरवरी 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या को रात्राी में प्राप्त हुई। उस समय संत रामपाल जी महाराज की आयु 37 वर्ष थी। उपदेश दिवस (दीक्षा दिवस) को संतमत में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
उपरोक्त विवरण श्री नास्त्रोदमस जी की उस भविष्यवाणी से पूर्ण मेल खाता है जो पृष्ठ संख्या 44.45 पर लिखी है। ”जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व नेता की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा, बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में संसार में प्रसिद्ध होगा। वह सन् 2006 होगा।“

सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने आपको सत्संग करने की आज्ञा दी तथा सन् 1994 में नामदान करने की आज्ञा प्रदान की। 
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भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण जे.ई. की पोस्ट से त्यागपत्र दे दिया जो हरियाणा सरकार द्वारा 16.5.2000 को पत्र क्रमांक 3492-3500, तिथि 16.5.2000 के तहत स्वीकृत है।

♻ "संत रामपाल जी महाराज के मुख्य उद्देश्य"👇..

1. विश्व को सत भक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
2. समाज से पाखंडवाद को खत्म करना।
3. युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जाग्रति लाना।
4. समाज से जाती पाती के भेद को मिटाना।
5. समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।
6. समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना।
ऐसा महान संत जिसके इतने अच्छे उद्देश्य होने के बावजूद इन नकली धर्म गुरुओं,भ्रष्ट नेताओं और भ्रष्ट पदाधिकारियों द्वारा षड्यंत्र रच कर संत रामपाल जी महाराज के साथ अत्याचार पर अत्याचार करते आ रहे हैं।
जैसे:- सन् 2006 में करौंथा कांड करवाया और इस सत्य मार्ग को बंद करने के लिए  संत रामपाल जी महाराज को 22 महीने तक जेल में रखा फिर संत रामपाल जी महाराज जमानत पर आए और सत्य ज्ञान का प्रचार प्रसार करने लगे तथा दूसरा आश्रम सतलोक आश्रम बरवाला खोला जिसमें जनमानस ज्ञान समझ कर बहुत संख्या में अनुयायी बढ़ने लगे और पूरे देश के कोने कोने में  यह सत्य ज्ञान का प्रचार प्रसार तेजी से होने लगा और नकली धर्मगुरुओं से प्रश्न करने लगे कि आप शास्त्र विरुद्ध ( गलत) साधना बता कर  जनमानस के साथ अन्याय कर रहे हो और भ्रष्ट नेताओं और भ्रष्ट पदाधिकारियों जैसे हाईकोर्ट के जजों पर भ्रष्ट न्यायप्रणाली पर संत रामपाल जी महाराज ने 3 पुस्तकें लिखी 1.न्यायालय की गिरती गरिमा 2.झूठ बनाम सच 3. भ्रष्ट जज कुमार्ग पर। इन पुस्तकों को सभी राजनेताओं प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति व देश के कोने कोने में वितरित कर दिया जिस कारण से सभी नकली धर्मगुरु और भ्रष्ट नेताओं बड़े-बड़े पदाधिकारियों ने गुपचुप में षड्यंत्र रचा और इस सच्चाई को दबाने के लिए हरियाणा सरकार पर प्रेशर डाल कर सन 2014 में बहुत बड़ा बरवाला कांड करवाया और संत रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायियों पर झूठे केस लगा कर संत रामपाल जी महाराज को जेल में दे रखा है लेकिन कहते हैं ना कि - *"सत्य को दबाया जा सकता है मिटाया नहीं जा सकता"* 
इसी कारण से परमात्मा की दया से आज फिर संत रामपाल जी महाराज का तत्वज्ञान भारत में ही नहीं विदेशों में भी जोर शोर से चल रहा है और जेल में जाने के बाद भी लाखों की संख्या में लोगों ने शास्त्रों से प्रमाणित आध्यात्मिक ज्ञान को समझ कर अपने दुखों से छुटकारा पाने तथा अपना कल्याण करवाने के लिए नाम उपदेश लेकर सुखमय जीवन जी रहे हैं।

👉प्रमाण सहित अधिक जानकारी के लिए देखें-रोज "तत्वज्ञान का सत्संग" साधना TV पर शाम 07:30 से 08:30 बजे तक ।

या फिर👇
👉सत ज्ञान प्राप्त करने के लिए Satlok Ashram Youtube Channel पर Visit करें |

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